पटना/ बैकुण्ठपुर। कोरिया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डीमएफ फंड़ से मिले 50 लाख की लागत से हास्पीटल के चिकित्सकों के रहने के लिए बनाए जा रहे भवन में ठेकेदार से लेकर संबंधित विभाग के इंजिनियर, एसड़ीओ व अन्य अधिकारियों के द्वारा जमकर लापरवाही बरती जा रही है, निर्माणाधिन भवन में इंट, गीट्टी, घटिया स्तर का उपयोग में लाया जा रहा है, उपर के पिल्लर में ठीक से ढलाई नहीं हुई है जिससे छड़ बाहर दिख रही है, उपर के बीम में छड़ साफ दिखाई दे रही थी किसी में मोटी तो किसी में पतली छड़ें डली हुई है, कहीं कहीं पर प्लास्टर भी उखड़ा हुआ है, टाईल्स भी घटीया स्तर का लगाया जा रहा है इसके बाद भी संबंधित विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा निर्माण कार्य में सुधार लाने के लिए ठेकेदार को निर्देशित करना तो दूर अधिकारियों को यह भी नहीं मालूम है कि उक्त निर्माणाधिन भवन में इतनी खमियां हैं, निर्माण स्थल पर सूचना पटल भी नहीं लगा है जिससे कि जिस भवन का निर्माण हो रहा है उस भवन के साथ साथ किस योजना और कितने की लागत से निर्माण कार्य हो रहा है इस बात की जानकारी आम जनों को हो इसके लिए ठेकेदार के द्वारा सूचना पटल भी नहीं लगाया गया है, पता करने पर बड़ी मुशकील से पता चला कि भवन का निर्माण कार्य डीएमएफ मद से 50 लाख की लागत से कराई जा रही है।
इंजिनियर एसड़ीओ को नहीं जानता मुंशी मोबाईल नम्बर से होती है बात - निर्माण कार्य देख रहे मुंशी से निर्माणाधिन भवन व निर्माण कार्य में हुए घटीया कार्य के संबंध में पूछा गया तो मुंशी ने कहा कि इंजिनियर व एसड़ीओ को मैं नहीं जानता उनके मोबाईल नम्बर से मेरा केवल बात होता है इस तरह से उक्त भवन का निर्माण कार्य संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा मौके पर निर्माण कार्य देख कर निर्माण कार्य कराने के बजाए मोबाईल पर मुंशी को आवश्यक दिशा निर्देश देकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिससे भवन की गुणवत्ता क्या होगी और कितने गुणवत्ता के साथ भवन का निर्माण कार्य हो रहा होगा इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।