Current Date:31 Mar 2023





वनवासीयो ने श्रमदान से बनाया कच्ची सड़क

मामला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड क्षेत्र के सीमावर्ती वनांचल ग्राम पंचायत पटकुरा के आश्रित ग्राम घटोन का है

वनवासीयो ने श्रमदान से बनाया  कच्ची सड़क


लखनपुर (सरगुजा) ( मुन्ना पांडेय) स्वतंत्र भारत से पहले और आज़ादी के बाद आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां विकास ने दूरियां बना ली है।आम जरूरतमंद लोग अभावग्रस्त  जिंदगी बसर करने मजबूर हैं  जहां बुनियादी मूलभूत सुविधाओं का दूर तलक नामोनिशान नहीं है। सूरत -ऐ -हाल ग्रामीण इलाकों का ऐसा है कि रास्ते भी मंजिल तक पहुंचने रास्ते का तलाश कर रहे हैं।   अंधेरे के साये को रौशनी का इंतजार है । पानी तो है पर गांव के गांव प्यासे हैं। अक्सर चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधियों  द्वारा चुनाव जीतने के लिए बड़े बड़े दावे के साथ  ग्रामीणों को  दिलासा दिलाया जाता हैं कि विकास की दरिया बहा देंगे। सीधे साधे ग्रामीण मतदाताओं को विकास कार्य कराने का रंगीन ख्वाब दिखाया जाता है लेकिन जैसे ही चुनाव का दौर खत्म होते ही   जीतने के बाद निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के पास विकास की बातें करना तो दूर लोगों का हाल-चाल जरूरत को जानने तक की फुर्सत नहीं होती । विकास की बातें किया जाना बेमानी सा लगता है। ऐसा ही एक गांव जहां विकास किये जाने के सभी दावे बेबुनियाद दम तोड़ती नजर आ रही हैं। दरअसल  मामला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड  क्षेत्र के सीमावर्ती वनांचल ग्राम पंचायत पटकुरा के आश्रित ग्राम घटोन का है  यह बस्ती तकरीबन 60 साल पहले जंगल के वादियों में बसा हुआ है इस बसाहट में   लगभग 30 से 35 परिवार निवासरत  है।  मूल ग्राम पंचायत से ऊंचाई वाले  पहुंच विहीन दुर्गम  पहाड़ी में बसे होने  कारण  आज पर्यंत इस गांव का विकास नहीं हो सका। शायद जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस गांव के ओर  नहीं गया है जिससे  बसाहट में निवासरत  लोगों को कई मूलभूत असुविधाओं से जूझना पड़ रहा है । आवागमन के लिए सड़क सुविधा  नहीं होने  कारण  काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उक्त गांव  में पहुंचने के लिए दो पहाड़ी नाला पार करने पड़ते हैं इसके बाद  गांव तक आने जाने के लिए दुर्गम पहाड़ी वाली क्षेत्र से गुजरते हुए लगभग 3.50 किलोमीटर दूरी तय करने पड़ते हैं। बमुश्किल  गांव के लोग  अपने गांव तक आना जाना करते हैं।  इस गांव में रास्ते भी  रास्ता के लिए तरस रहे हैं। आवागमन की समुचित व्यवस्था नहीं है। लिहाजा ग्राम घटोन  में निवासरत ग्रामीणों ने दुर्गम पहाड़ी  कच्ची पगडंडी रास्ते को  श्रमदान से सुगम चलने योग्य बनाने का संकल्प लेकर  सड़क निर्माण करने जुटे  हैं ।जिससे ग्रामवासी जरूरत के मुताबिक   दवा राशन अन्य ज़रूरीयात के सामानो का लाना लेजान कर सकें। ग्रामवासियों के द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जो श्रमदान कर कच्ची सड़क बनाया जा रहा है वह केवल मौजूदा वक्त के लिए ही सही है । बाद इसके  बरसात के दिनों में फिर से जस के तस हो जाता है गांव के लोगों को  आवागमन में  काफी परेशानी होती है। बनाया गया रास्ते का वजूद पानी के बहाव से मिट जाता है। ग्रामीणो ने यह भी बताया कि 
 ग्राम पंचायत सीमा में  कई ऐसे  कच्ची पगडंडी रास्ते  एवं छोटी नाले हैं  जो आज भी पक्की सड़क तथा नदियों में पुल बनने के राह देख रहे हैं । छोटी नालों में  पुलिया का निर्माण नहीं होने से बरसात के मौसम में हम वनवासीयो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शासन का ध्यान इस ओर नहीं है। बहरहाल घटोन गांव के लोगों ने सड़क पुलिया बनवाये जाने शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया है।
















Naresh Kumar Yadav
Naresh Kumar Yadav

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