पटना/ बैकुन्ठपुर। पूजा अर्चना से प्रसन्न होकर गणगौर माता अखंण्ड़ सौभाग्यवती होने का देती हैं आशिर्वाद। श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना करने से शिघ्र प्रसन्न होती हैं गणगौर माता, भगवान शिव, माता पार्वती एवं कान्हा जी, राजस्थान व हरियाणा में सदियों से चली आ रही है पूजा अर्चना की परंपरा। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 18 दिनों तक विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद शुक्रवार को बूढ़ा सागर तालाब में गणगौर माता का विसर्जन किया गया जिसमें काफी संख्या में श्रद्वालू महिलाऐं शामिल हुए। बता दें कि गणगौर माता की पूजा अर्चना राजस्थान और हरियाणा सहित भारत के लिए बड़ा ही पवित्र व सुखद पूजा अर्चना मानी जाती है, अब छत्तीसगढ़ में भी इस त्योहार की मान्यता है, राजस्थान एवं हरियाणा से आकर पटना में लंबे समय से निवासरत श्रद्वालूओं द्वारा गणगौर माता, भगवान शिव व माता पार्वती के साथ साथ कान्हा जी की 18 दिनों सुबह, शाम विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद शुक्रवार को पटना के धार्मिक तालाब बूढ़ा सागर में राजस्थान और हरियाणा की महिलाओं के साथ साथ अन्य महिलाओं ने भी धूम धाम व श्रद्वापूर्वक पूजा अर्चना किये, महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला। कई महिलाओं ने हाथों, पैरों में मेंहदी लगी चित्रकारियां बना सोलह श्रींगार कर सज धज कर सुहागन व कुआंरी कन्याऐं माता पार्वती व भगवान शिव जी की पूजा अर्चना करते हुए अपने पति की लंबी उम्र की कामना की यह पर्व करवा चौथ व्रत के समान ही मनाया गया। व्रति महिला उषा शर्मा, हेमांशु शर्मा ने बताया कि कुंआरी कन्याऐं अच्छा पति पाने तो विवाहित महिला परिवारिक सुख व पति की लंबी उम्र की कामना की। मिट्टी, लकड़ी से बनी हुई गणगौर माता की पूजा 18 दिनों तक श्रद्वालू महिलाऐं अपने अपने घरों में करते हुये आज विधि विधान से व्रत का समापन किया व अखंड़ सौभाग्य का आशिर्वाद लेते हुए सूर्य अस्त होने से पहले मंगल गीत के साथ विसर्जन किया गया।
कोरिया
Naresh Kumar Yadav
25 Mar 2023

पटना में हुई माता गणगौर की पूजा अर्चना, शुक्रवार को जलाशय में हुआ विसर्जन
राजस्थान एवं हरियाणा में होने वाली माता गणगौर की पूजा अर्चना अब छत्तीसगढ़ में भी पूरे श्रद्धा के साथ मनाई गई।






Naresh Kumar Yadav
Hindustan path Media