Saturday 16 Jan 2021 09:01 AM
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। इसके मुताबिक पिछले 50 सालों से ज्यादा की तुलना में पृथ्वी अब अपनी धुरी पर तेजी से घूम रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले 5 दशकों में आए इस स्पीड में बदलाव के कारण पृथ्वी पर हर दिन 24 घंटे से कम होने लगा है।
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 से हर दिन पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटे से भी कम समय में चक्कर लगा रही है। यही नहीं, 1960 के बाद वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी की गति को लेकर जमा किए जा रहे आंकड़ों के बाद से 19 जुलाई 2020 सबसे छोटा दिन साबित हुआ।
19 जुलाई का दिन रहा सबसे छोटा
पेरिस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस के वैज्ञानिकों द्वारा जमा किए गए आंकड़ों के अनुसार 19 जुलाई 2020 का दिन 24 घंटे से 1.46 मिलिसेकेंड कम रहा। इससे पहले सबसे छोटा दिन 2005 में था, लेकिन पिछले 12 महीनों में ये रिकॉर्ड कुल 28 बार टूटा है।
वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि एक औसत के तौर पर देखा जाए तो अब एक दिन मान्य 24 घंटे से 0.5 सेकेंड कम हो गया है। ऐसे में कई वैज्ञानिक तो इस बात पर भी विचार कर कर रहे हैं कि क्या अब समय से एक सेकेंड को कम किया जाना चाहिए।
इस प्रक्रिया को 'निगेटिव लीप सेकेंड' कहा जाता है। ऐसा सामने आ रहे बदलाव और पृथ्वी की गति के साथ टाइम के कनेक्शन को बनाए रखने के लिए किया जा सकता है।
पृथ्वी के तेज घूमने से क्या होगी परेशानी
पृथ्वी की गति के साथ हमारे टाइम के मानक भी तय हैं। अगर पृथ्वी की गति में बड़े बदलाव आते हैं तो टाइम की गणना को भी बदलना होगा।
साथ ही हमारी संचार व्यवस्था में भी दिक्कतें आ सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सेटेलाइट्स और संचार यंत्र सोलर टाइम के अनुसार ही सेट किए जाते हैं। ये समय तारों, चांद और सूरज की स्थिति के अनुसार तय किए जाते हैं।
वैसे बता दें कि साल 1970 से अब तक 27 लीप सेकेंड जोड़े जा चुके हैं। ऐसा पृथ्वी की गति में लगातार आते छोटे बदलाव के कारण करना पड़ा है। आखिरी बार 31 दिसंबर 2016 को लीप सेकेंड जोड़ा गया था। अब हालांकि लीप सेकेंड हटाने का समय आ गया है यानी निगेटिव लीप सेकेंड जोड़ना पड़ेगा।